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हम थोड़ी देर में आते हैं…!! (लघु कथा)

Proud To Be An Indian
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पतलू राम किराये पर अपने छोटे से परिवार के साथ रहता था. नया मकान ढूँढने में खासी मशक्कत उसे करनी पड़ी थी. पुराने मकान मालिक और उसके पूरे परिवार ने घर खाली करने के लिए मानों खून पी लिया था. खैर मकान मिल गया था. पेशगी, अग्रिम किराया, और बहुत सारी शर्तों के साथ उसे वह मकान मिला था. उसकी बीबी तो एक बार को डर के मारे रोने भी लगी थी. खैर पतलू राम ने हिम्मत से काम लिया और रहने लगा. मरता क्या न करता. मकान मालिक की हर बात सर-माथे पर, और हर बात में हांजी-२ . वरना ??? एक दिन की बात है, पतलू राम की बीबी रशोई में खाना बना रही थी की अचानक मकान मालकिन अपने परिवार के साथ निकली और दूर से ही पतलू राम की बीबी रमिया से कहने लगी “रमिया हम थोड़ी देर में आते हैं. लाइट जली रहने देना और गेट मत बंद करना. यह सुन अन्दर अपने बच्चे के साथ बैठा पतलू राम बाहर की तरफ निकल आया. तब तक वे सभी लोग बाहरी गेट से निकल गेट बंद कर रहे थे. पतलू राम ने देखा तो अपने बच्चे के साथ कोने में खड़ा हो गया और देखने लगा की आखिर सभी एक साथ कहाँ जा रहे हैं, बिना बताये. जबकि सामान्य रूप से वे पूरी बात बता कर ही जाते हैं. पहले तो लगा की बगल वाले मार्ट में जा रहे हैं, लेकिन नहीं, पहले तो वे गेट बंद करके कुछ मिनट वहीँ खड़े रहे. फिर आगे की ओर जाने लगे. फिर अचानक मुड़कर सामने वाले रेस्तरा में जाने लगे. पतलू राम समझ गया की शायद इसीलिए वे गुपचुप तरीके से गए हैं. पतलू राम ने रमिया को रसोई से आवाज लगाकर बाहर बुलाया और कहा- अरे ये सभी रात को कहाँ जा रहे हैं. तभी रमिया का माथा ठनका, उसने कहा- ओह दिन में इनकी बेटी कह रही थी- मम्मी आज तो वो वाला प्रॉमिस नहीं भूलोगी न….. नहीं-२ आज नहीं भूलेंगे- मम्मी ने कहा था. अच्छा तो ये था वो प्रॉमिस. इसमें इतना छिपाने वाली बात क्या थी. वैसे तो दुनिया भर का अपनापन जताते हैं. रेस्तरां जाने की बात बता देते तो क्या हम भी उनके साथ जाने को तैयार हो जाते ! हाँ वैसे भी मकान मालिक और किरायेदार का क्या मेल ? रमिया ने कहा- किरायेदारों के साथ तो आखिर किरायेदारों जैसा ही व्यव्हार होना चाहिए न !!! रमिया ने आगे जोड़ते हुए कहा- हाँ, अभी कुछ दिन पहले इनके रिश्तेदार आये थे, जो इन्हें कह रहे थे की किरायेदारों को ज्यादा सर पर चढ़ाना ठीक नहीं हैं. कहते हुए रमिया रसोई में और पतलू राम अपने बच्चे के साथ भीतर चले गए….

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