आने वाली १० मई का दिन बहुत से लोगों के लिए शायद एक आम दिन की तरह ही हो, लेकिन भारतीय इतिहास में 10 मई का दिन आज़ादी की लड़ाई की शुरुआत का पहला दिन था. इसी दिन 1857 में सैन्य विद्रोह शुरू हुआ था. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने भी 1857 के विद्रोह में हिस्सा लिया था. 154 साल पहले इसी दिन मेरठ में भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजी हुकूमत के ख़िलाफ़ विद्रोह छेड़ दिया था. सैनिकों ने टेलिग्राफ दफ्तर, जेल और ब्रितानी साहबों के बंगलों पर हमला बोल दिया था. इसके बाद क़रीब 100 सैनिक दिल्ली की ओर निकल पड़े, जहां उन्होंने मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र से इस विद्रोह की अगुआई करने की गुहार लगाई. मेरठ से विद्रोह शुरू होने के बाद ये दिल्ली, पटना और झांसी तक फैला और इसमें सैनिकों के अलावा रजवाड़े, किसान, तालुकदार, और बुद्धिजीवी आदि भी शामिल हो गए. ब्रिटिश सरकार को इस विद्रेह को कुचलने में एक साल लग गया था. इस दिन को कई इतिहासकार आज़ादी के लिए भारत की पहली लड़ाई भी कहते हैं. आज जब देश बड़े-बड़े घोटालों और भ्रष्टाचार से गुजर रहा है, ऐसे में इन ऐतिहासिक दिनों को याद कर हमें चिंतन और मनन करने की जरुरत मह्शूश होनी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं है. चिंतन-मनन तो दूर, आज हम इन दिनों को भी भूले हुए हैं. इस देश में ऐतिहासिक दिनों को याद कर उनकी महत्ता से रू-ब-रू होने की बजाय हम केवल और केवल जीवन-यापन और भोग-विलास में ही तल्लीन हैं. सरकारी स्तर पर कुछ ख़ास दिनों को राजनीतिक कारणों से भुनाया ही अधिक जाता हैं. मीडिया भी एतिहासीक दिनों को और इनके महत्त्व को स्थान देने में कंजूसी करने लगा है. क्योंकि ये उसकी व्यावसायिकता और बाजारवाद को शायद लाभ नहीं पहुंचाते हैं. बुद्धिजीव करंट अफेअर्स पर ही अधिक जोर देने लगे हैं. क्योंकि बासी चीजों को अधिक भाव नहीं मिलता है. जबकि होना तो ये चाहिए की ऐसे दिनों पर हमें जमकर चिंतन मनन करना चाहिए. जागरूकता फैलानी चाहिए. सरकारी स्तर पर इन अवसरों पर कार्यक्रमों का आयोजन कर इनके महत्तव को और अधिक बढाया जा सकता हैं. मीडिया इन अवसरों पर अपना अधिक योगदान दे सकती है. जिस प्रकार मुट्ठी भर सैनिकों ने अंग्रेजी शाशन की चूले हिला कर रख दी थी, उसी प्रकार ये हमारे लिए प्रेरणाश्रोत है की यदि हम चाहे तो देश की तमाम बुराइयों को मिलकर दूर कर सकते हैं. जरुरत है, एकजुट होने की, और सही नेत्रित्व में आगे बढ़ने की.
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments