मित्र को बस स्टेंड पर छोड़ने गया था. बस के आने में थोडा समय था. इतने में दूसरी एक बस आई, जिसमे अधिकांश विदेशी पर्यटक (अंग्रेज) सवार थे. बस स्टेंड पर तमाम दुकाने आदि हैं. जिनमे रेहड़ी वाले भी हैं. एक रेहड़ी वाले ने अपनी फल की रेहड़ी बस के नजदीक लगा ली. बहुत सी सवारियां आ रही थी, बहुत सी जा रही थीं और बहुत सी अपनी बस के इंतज़ार में यहाँ-वहां खड़ी थीं. अपने काम से काम न रख निश्चित ही हमें दूसरों को देखना (घूरना) कुछ ज्यादा ही सुहाता है. और जब हमारे पास खाली समय हो, तब कुछ ज्यादा ही. यहाँ पर मुझे भारतेंदु हरिश्चंद की वह बात याद आती हैं, जिसमे उन्होंने कहा था की हमारे देश में रिक्शा वाला खाली समय में गप्पे मारता है, बीडी पीता है, लेकिन विदेशी बग्घी वाला खाली समय में अखबार पढ़ता है. अक्सर हम अपने खाली समय का उपयोग इसी प्रकार से करते हैं. उस दिन भी कुछ इसी प्रकार के काम करते हुए लोगों को देख बहुत बुरा महसूस हो रहा था. लोग तो फिर भी दूर खड़े होकर उन विदेशी पर्यटकों, विशेषकर महिलायों को लगातार घूरे जा रहे थे, लेकिन एक रेहड़ी वाले ने तो अपनी फलों की रेहड़ी बिलकुल बस के नजदीक ले जा कर लगा ली. धीरे-२ वह महिला पर्यटकों के साथ ऐसी-२ हरकतें करने लगा, जिसकी एक सभ्य समाज में कतई इज़ाज़त नहीं दी जा सकती. लेकिन हमारी भीड़ को देखने के आलावा और आता भी क्या है. बस के चलने पर तो उसने एक विदेशी महिला पर्यटक जो की बस में सवार थी को बस की खिड़की में से छूने और उसके साथ गलत हरकत करने तक का प्रयास किया. बस के चले जाने पर कुछ लोगों द्वारा इसका विरोध किये जाने और उसे डांटने पर उसने तर्क दिया की इन विदेशियों के साथ तो ये सब चलता है. क्या यही हमारी संस्कृती और सब्भ्यता है ? निश्चित ही हम अपने ही हाथों अपनी संस्कृति और सब्भ्यता पर बट्टा लगाते हैं. इस प्रकार की बातों के साथ क्या पर्यटकों के दिलों में हमारी शाख नहीं गिरेगी ? कौन आएगा हमारे यहाँ ? पर्यटन से जुड़े लोगों के पेट पर क्या हम लात नहीं मार रहे हैं ? ऐसे में यदि कोई कह दे की हम अपनी असलियत दिखा ही देते हैं तो क्या गलत है ? निश्चित ही ये हमारी असलियत नहीं है. ये देश ऋषियों, मुनियों, संतों, फकीरों का है, मेहमान को यहाँ भगवन का दर्जा दिया जाता है. मेजबानी में हम कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन कभी-२ कुछ लोगों द्वारा स्वार्थ के चलते इस प्रकार की मर्यादाहीन हरकत से उस स्थान, राज्य और देश का सर भी शर्म से झुक जाता है.
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